Assam Govt Scheme: असम में नए नियम तीन से अधिक बच्चे होने पर महिलाओं को नहीं मिलेगी सरकारी मदद। इस स्कीम के लाभ उठाने के लिए लड़कियों का स्कूल मे एडमिशन कराना होगा अमृत वृक्ष आंदोलन के तहत जो भी वृक्ष लगाए गए है उन वृक्षों को जीवित रखना होगा मुख्यमंत्री महिला उद्यमियता अभियान यानी सरकार की आम जनता के लिए ये बड़ी योजना है।लेकिन हम यह कहें कि यह योजना जारी करके भी सरकार लोगों को इसका लाभ बिल्कुल ही नहीं लेने देगी।
यह बहुत ही ज्यादा हैरान करने वाली बात है आप को बता दे की असम सरकार ने पॉपुलेशन को कंट्रोल करना यानी जनसंख्या को नियंत्रण के लिए एक नए फैसले का ऐलान किया है। लेकिन इस बयान में इतना ही नहीं है। इसमें जातियों का भी कुछ पेच है। आइए पूरी बात आपको हम विस्तार से समझाते हैं।
लाभ उठाना के लिए महिलाओं के पास कितने बच्चे होने चाहिए
आप को बता दे असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्वास शर्मा ने ट्वीट करते हुए एक योजन की घोषणा की इसमें सामान्य और ओबीसी कैटेगरी की भी महिलाएं है। अगर इस सरकारी योजना का लाभ उठाना चाहती हैं तो उनके तीन से ज्यादा बच्चे नहीं होने चाहिए वही बात करे अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति माने एससी और एसटी के वर्ग की सभी महिलाओं को सरकारी योजना का लाभ उठाने के लिए उनके पास चार से अधिक बच्चे नहीं होने चाहिए यह ऐलान किया गया।
ये कैसे महिलाओ के लिए है लाभ दायक
आपको बता दें मुख्यमंत्री हेमंत विश्वास शर्मा ने मुख्यमंत्री महिला उद्यमियता अभियान की घोषणा की मुख्यमंत्री ने इस योजना की घोषणा के समय कहा की इस योजना को बच्चों की जनसंख्या से जोड़ने का तर्क यह सुनिश्चित करना था कि सभी महिलाएं अपने स्वास्थ्य को स्थापित करने के लिए धन का उपयोग करें अगर एक महिला के चार बच्चे हैं तो उसे पैसे खर्च करने का समय कहां मिलेगा व्यवसाय करने का भी समय कहां मिलेगा वह बच्चों को पढ़ाई कराने में व्यस्त रहेगी उन्होंने आगे कहा धीरे-धीरे राज्य की सभी लाभार्थी इस शर्त का पालन करेंगी।
2021 के बयान मे क्या बोले सीएम
आप को तो पता ही है यह पहला मौका नहीं है जब मुख्यमंत्री हेमंत विश्वास शर्मा ने असम में जनसंख्या को नियंत्रण करने पर उन्होंने बयान दिया हो 2021 में उन्होंने एक बयान में कहा था की बजट सत्र में कुछ बुनियादी योजनाओं की घोषणा की जाएगी जिसके लाभार्थी राज्य की सभी नागरिक होंगे लेकिन कुछ विशेष पैकेज की भी घोषणा होगी जो केवल दो बच्चों वाले परिवारों को दिया जाएगा स्वैच्छिक नसबंदी और जनसंख्या नियंत्रण उपायों के संबंध में भी बड़े फैसले किए जा सकते हैं
इस योजना से कितने महिलाओं को मिलेगी लाभ
आप को बता दू इससे पहले जून 2019 में भी मुख्यमंत्री हेमंत विश्वास शर्मा ने सरकारी योजनाओं में जनसंख्या को नियंत्रण करने की घोषणा की थी तब इस योजना से चाय बागानों से जुड़े लोग साथ ही अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोग भी इसके दायरे में नहीं थे अब आपको बताते हैं
इस योजना के बारे में दरअसल इस योजना का लाभ 40 लाख महिलाओं को मिलेगा इस योजना के तहत असम के सरकार ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए आर्थिक मदद देगी जिससे वे स्वरोजगार शुरू कर सकेगे
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यह योजना किन लोगों के लिए शुरू किया गया
इस योजना का उद्देश्य है की राज्य के ग्रामीण हिस्सों में स्वयं सहायता समूह माने सेल्फ हेल्प ग्रुप्स का हिस्सा महिलाओं को उद्यमियों यानी एंटरप्रेन्योर के रूप में उनको विकसित करने में बहुत ही ज्यादा मदद करेगा जिसका लक्ष्य प्रत्येक सदस्य के लिए 1 लाख की सालाना आय है। बच्चों की संख्या की सीमा के अलावा उन लाभार्थियों को दो अन्य शर्तों का भी पालन करना पड़ेगा उन्हें अपनी लड़कियों को स्कूल में जाकर एडमिशन कराना होगा।
इसके साथ ही पिछले साल असम के सरकार ने वृक्षारोपण अभियान अमृत वृक्ष आंदोलन के तहत उन्होंने जो भी पेड़ लगाए थे वे वृक्ष जीवित रखने चाहिए। हालांकि मुख्यमंत्री हेमंत विश्वास शर्मा की इस घोषणा के बाद प्रदेश में विरोध भी शुरू हो गए है।