Aditya L1 SUIT: इसरो के स्पेसक्राफ्ट, आदित्य एल-1 ने हमें सूर्य की कुछ फुल वेवलेंथ फ़ोटोज़ दी है। पहली बार, अंतरिक्ष यान के सोलर अल्ट्रावॉयलेट इमेजिंग टेलीस्कोप (SUIT) ने 200 से 400 नैनोमीटर तक के 11 अलग-अलग रंगों के जीवंत स्पेक्ट्रम में सूर्य की फुल-डिस्क फ़ोटोज़ को कैप्चर किया है।
फ़ोटोज़ भेजने वाला SUIT आखिर है क्या?
इन दिल को छु जाने वाली फ़ोटोज़ के लिए हमें किसे धन्यवाद देना चाहिए? इसका उत्तर सावधानी से डिज़ाइन किया गया एक उपकरण है जिसे SUIT (Solar Ultraviolet Imaging Telescope) कहा जाता है। आदित्य एल-1 सूर्य के फ़ोटोस्फ़ेयर (वैज्ञानिकों के अनुसार सूर्य की सतह के लिए) और क्रोमोस्फीयर (सतह और बाहरी वातावरण के बीच स्थित पतली परत) की आश्चर्यजनक तस्वीरें भेज रहा है। आपको बता दें की क्रोमोस्फीयर सूर्य की सतह से 2000 किलोमीटर ऊपर तक फैला हुआ है।
लेकिन यह पहली बार नहीं है जब SUIT ने सुर्खियां बटोरी हैं। 6 दिसंबर याद है? उस दिन, उपकरण ने सूर्य की लाइट साइंस इमेज खींची थी। लेकिन हालिया कैप्चर की खास बात यह है कि यह फुल-डिस्क तस्वीरे प्रस्तुत करता है, जिससे हमें सूर्य के उस हिस्से का पूरा दृश्य मिलता है जिसे हम यहां से देख सकते हैं। इसरो द्वारा शेयर की गई फ़ोटोज़ में, आप प्लेग, धब्बे और यहां तक कि सूर्य के शांत हिस्सों को भी देख सकते हैं।
SUIT ने फोटोज कैसे ली?
आइए जानते है की आदित्य एल-1 ने फोटोग्राफी की यह उपलब्धि कैसे हासिल की? 5 दिसंबर को कैप्चर किए गए एक वीडियो के अनुसार, SUIT जांच के एपर्चर के खुलने और बंद होने से सौर विकिरण को पेलोड और थर्मल फिल्टर में प्रवेश करने की अनुमति मिली, जिसके परिणामस्वरूप ये तस्वीरेली गई है।
इसरो के पूर्व वैज्ञानिक मनीष पुरोहित बताते हैं कि सूर्य के सभी विकिरणों को प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है, इसलिए एपर्चर का सावधानीपूर्वक हेरफेर महत्वपूर्ण है। आदित्य एल-1 को इसरो द्वारा 2 सितंबर को लॉन्च किया गया था, और 20 नवंबर को इसका एसयूआईटी पेलोड सक्रिय होने के बाद से यह सोलरआब्ज़र्वैशन में प्रगति कर रहा है।
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SUIT का निर्माण किसने किया?
SUIT के निर्माण का श्रेय मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन (MAHE), सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन स्पेस साइंस इंडियन (CESSI), इंटर-यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स (IUCAA), इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स के वैज्ञानिकों के साथ-साथ उदयपुर सौर वेधशाला, तेजपुर विश्वविद्यालय, और ISRO के वैज्ञानिकों की एक मजबूत टीम को जाता है। इन सभी के कड़ी मेहनत और साझेदारी से ही Solar Ultraviolet Imaging Telescope (SUIT) का निर्माण हो सका है।