RBI Penalty on Cooperative Banks: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) देश के सभी बैंकों के संचालन पर बारीकी से नजर रखता है और बैंकों द्वारा नियमों के उल्लंघन पर भारी जुर्माने सहित सख्त कदम उठाए जाते हैं। हाल ही में आरबीआई ने लापरवाही के चलते पांच सहकारी बैंकों पर भारी जुर्माना लगाया है। आइए इस खबर को विस्तार से जानते है।
आरबीआई ने लगाया 50 हजार से 5 लाख तक का जुर्माना
4 जनवरी, 2024 की आरबीआई रिपोर्ट के अनुसार, जुर्माना झेलने वाले बैंकों में द भुज कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक, द को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक, द संखेड़ा नागरिक को-ऑपरेटिव बैंक, द लिमडी अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक और श्री भारत को-ऑपरेटिव बैंक शामिल हैं। इन बैंकों पर आरबीआई कि तरफ से 50,000 रुपये से लेकर 500,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया गया है।
किस बैंक को देना पड़ा कितना जुर्माना?
बता दें की संखेड़ा नागरिक सहकारी बैंक और श्री भारत सहकारी बैंक प्रत्येक पर 500,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। आरबीआई ने द संखेड़ा नागरिक सहकारी बैंक के खिलाफ कार्रवाई की क्योंकि इसके निदेशकों ने आरबीआई दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए लोन गारंटर के रूप में काम किया था। इसके अतिरिक्त, बैंक ने दो बैंकों के बीच सकल एक्सपोज़र सीमा विनियमन का उल्लंघन किया, जिसके कारण यह जुर्माना लगाया गया।
श्री भारत सहकारी बैंक के मामले में, आरबीआई की जांच में इंटर बैंक ग्रॉस एक्सपोजर लिमिट नियमों का अनुपालन न करने का पता चला और बैंक ने अपनी सावधि जमा योजना पर ब्याज भुगतान में भी देरी की, जिसके परिणामस्वरूप यह जुर्माना लगाया गया है। बता दें कि द भुज कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक के साथ साथ को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक पर 150,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। साथ ही 50,000 रुपए का जुर्माना द लिमडी अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक पर लगाया गया है।
क्या इन जुर्मानों का बैंक के ग्राहकों पर पड़ेगा कोई असर?
रिज़र्व बैंक ने स्पष्ट किया कि ये जुर्माना नियमों के उल्लंघन के कारण लगाए गए हैं और इन बैंकों के ग्राहकों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। आरबीआई का बैंकों के दैनिक कार्यों में हस्तक्षेप करने का कोई इरादा नहीं है, इसलिए ग्राहक हमेशा की तरह बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।